Mere samne wali khidki lyrics Kishore Kumar

0
291

अरे, हे
ला-ला-ला-ला-ला-ला-ला-ला-ला-ला-ला-ला

हे-हे

मेरे सामनेवाली खिड़की में
एक चाँद का टुकड़ा रहता है
मेरे सामनेवाली खिड़की में
एक चाँद का टुकड़ा रहता है
अफ़सोस यह है कि वो हमसे
कुछ उखड़ा-उखड़ा रहता है

मेरे सामनेवाली खिड़की में
एक चाँद का टुकड़ा रहता है

जिस रोज़ से देखा है उसको
हम शमा जलाना भूल गए
दिल थाम के ऐसे बैठे हैं
कहीं आना-जाना भूल गए

अब आठ पहर इन आँखों में
वो चंचल मुखड़ा रहता है

मेरे सामनेवाली खिड़की में
एक चाँद का टुकड़ा रहता है

बरसात भी आकर चली गई
बादल भी गरज कर बरस गए
बरसात भी आकर चली गयी
बादल भी गरज कर बरस गए
पर उसकी एक झलक को हम
ऐ हुस्न के मालिक तरस गए

कब प्यास बुझेगी आँखों की
दिनरात यह दुखड़ा रहता है

मेरे सामनेवाली खिड़की में
एक चाँद का टुकड़ा रहता है
अफ़सोस यह है कि वो हमसे
कुछ उखड़ा-उखड़ा रहता है

मेरे सामनेवाली खिड़की में
एक चाँद का टुकड़ा रहता है

Writer:-Kishore Kumar

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here